tarot.ideazunlimited.net.Six of The Cups

सिक्स ऑफ कप्स

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अपराईट भविष्य कथन का महत्व



परिचित, अच्छी यादें, खुशी, अतीत को फिर से देखना, बचपन की यादें, मासूमियत

हर युग में राधा और मीरा पैदा होती हैं। दोनों ने श्याम को चाहा। यह पात्र आप स्वयं है या ऐसे पार्तोंसे आप भली भांति परिचित हैं।आपके पास अपने जीवन के सुनहरे दिन की अच्छी यादें हैं जो दिल और दिमाग को खुशी देती है। अतीत को फिर से देखना, बचपन की यादें आपको आननद देती है।बच्चे के जैसी आपकी मासूमियत आपको एंजल जैसा बना देती है।

रिवर्स भविष्य कथन



दोस्ती, निराशा, अतीत में जीना, क्षमा करना, चंचलता की कमी

आपकी दोस्ती हमेशा आपको आनंद देती थी वही आज निराशा का कारण बन गई है। दोस्त बदल गए हैं। अतीत में जीना आपने छोड दिया है । केवल आनंद के क्षण याद रखिए बाकी गलतीयों के लिए सबको क्षमा करना चाहिए। धीरे धीरे चंचलता की कमी होने के कारण मन के स्थीरता का एहसास हो रहा है। अच्छा लग रहा है। किसी चीज पर बार बार अटकना छोड दीजिए।

युरोपिय टैरो कार्ड अभ्यास वस्तु



इस कार्ड के कप सामान्य आकार से बड़े ते हैं। सभी कप सफेद स्टारफ्लॉवर और हरी पत्तियों से भरे हुए हैं।
चार कप जमीन पर हैं। एक कप को 'X' के निशान के वाले एक पेडस्टल पर रखा है। एक आदमी दाहिने हाथ में भाला लिए गांव के अंदर जा रहा है।
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बुजुर्ग महिला जिसके बाल सुनहरे, आश्चर्यजनक रूप से मिस्र की पोशाक पहने हुए हैं।

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'Phrygian' नामक विषिष्ट लाल टोपी पहने एक लड़की एक बुजुर्ग महिला को एक कप भेंट कर रही है।




प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड अभ्यास वस्तु


एक सुंदर महिला अपने गुलाबी कपड़ों में जमीन पर बैठी एक महिला को आसमान से कलश दे रही है। जमीन हरी है। एक कलश आकाश में है। जमीन पर चार कलश रखे गए हैं। गुलाबी रंग के वस्त्र में राधा है और जमीन पर बैठी महिला मीरा है। हर युग में राधा और मीरा पैदा होती हैं। दोनों ने श्याम को चाहा।

राधा को उसका पवित्र प्रेम मिला लेकिन वह अपने प्रिय भगवान कृष्ण से ब्याह न रचा पायी। मीरा भी भगवान कृष्ण के साथ गहरे प्रेम में थी लेकिन उन्हें भगवान कृष्ण से प्रत्यक्ष प्रेम नहीं मिला।

राधा एक पौराणिक महिला हैं और मीरा सोलहवीं शताब्दी की एक ऐतिहासिक महिला हैं, लेकिन मीरा का एक रहस्यमय पौराणिक चरित्र के रूप में सम्मान किया जाता है।

(विस्तृत कहानी ।)

हर युग में राधा और मीरा पैदा होती हैं।....



मथुरा जिले के गोकुल-महावन कस्बे के निकट रावल गांव में मुखिया वृषभानु गोप एवं कीर्ति की पुत्री के रूप में राधा रानी का प्राकट्य जन्म हुआ। श्री राधा रानी जी निकुंज प्रदेश के एक सुन्दर मंदिर में अवतीर्ण हुई उस समय भाद्र पद का महीना था, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि, अनुराधा नक्षत्र, मध्यान्ह काल 12 बजे और सोमवार का दिन था। इनके जन्म के साथ ही इस दिन को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाने लगा।

राधा रानी जी श्रीकृष्ण जी से ग्यारह माह बड़ी थीं।

लेकिन श्री वृषभानु जी और कीर्ति देवी को ये बात जल्द ही पता चल गई कि श्री किशोरी जी ने अपने प्राकट्य से ही अपनी आंखे नहीं खोली है। जैसे ही श्री कृष्ण और राधा आमने-सामने आए। तब राधा ने पहली बार अपनी आंखे खोल दी।

कहते है कि हर व्यक्ति के हृदय में एक मीरा है। जब भी मानव के हृदय में ठाकुरजी के दर्शन की लालसा पैदा हो जाए तो समझिए अंतर्मन की मीरा जाग्रत हो गई। जब भगवान के दर्शन की व्याकुलता बढ़ जाए तो समझिए की मीरा ने हमारे भीतर प्रवेश कर लिया है।

मीराबाई का जन्म सन पाली के कुड़की गांव में रतन सिंह के घर हुआ। ये बचपन से ही कृष्णभक्ति में रुचि लेने लगी थीं। मीरा का विवाह मेवाड़ के सिसोदिया राज परिवार में हुआ। उदयपुर के महाराजा भोजराज इनके पति थे जो मेवाड़ के महाराणा सांगा के पुत्र थे। विवाह के कुछ समय बाद ही उनके पति का देहान्त हो गया। पति की मृत्यु के बाद उन्हें पति के साथ सती करने का प्रयास किया गया, किन्तु मीरा इसके लिए तैयार नहीं हुईं। मीरा के पति का अंतिम संस्कार चित्ततोड़ में मीरा की अनुपस्थिति में हुआ। पति की मृत्यु पर भी मीरा माता ने अपना श्रृंगार नहीं उतारा, क्योंकि वह कृष्ण को अपना पति मानती थी।

वे विरक्त हो गईं और साधु-संतों की संगति में हरिकीर्तन करते हुए अपना समय व्यतीत करने लगीं। ये मंदिरों में जाकर वहाँ मौजूद कृष्णभक्तों के सामने कृष्णजी की मूर्ति के आगे नाचती रहती थीं। मीराबाई का कृष्णभक्ति में नाचना और गाना राज परिवार को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने कई बार मीराबाई को विष देकर मारने की कोशिश की।

घर वालों के इस प्रकार के व्यवहार से परेशान होकर वह द्वारका और वृन्दावन गई। वह जहाँ जाती थी, वहाँ लोगों का सम्मान मिलता था। लोग उन्हें देवी के जैसा प्यार और सम्मान देते थे। मीरा का रहस्यवाद और भक्ति की निर्गुण मिश्रित सगुण पद्धति सर्वमान्य बनी।





प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड

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द हाई प्रिस्टेस

द एम्प्रेस

द एम्परर

द हेरोफंट

द लवर्स

द चैरीओट

द स्ट्रेंग्थ

द हरमिट

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जस्टिस

द हैंग्ड मैन

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